पिछले 10 सालों से वनडे क्रिकेट में भारत ने जमा रखी है धाक, नहीं है कोई उसके आस-पासवनडे क्रिकेट में पिछले 10 सालों में भारतीय क्रिकेट टीम ने दुनिया के किसी भी टीम से अधिक मुकाबले जीतने का कारनामा किया है।
भारतीय क्रिकेट टीम को मौजूदा समय में दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में से एक माना जाता है। इस पीछे का कारण यह है कि टीम इस समय खेल के सभी विभागों में बाकी टीमों से कही आगे है, खास तौर से लिमिटेड ओवरों की क्रिकेट में इस समय भारतीय टीम का कोई मुकाबला नहीं। टीम के हालिया प्रदर्शन को देखें तो वह आईसीसी के लगभग सभी बड़े टूर्नामेंटों में शीर्ष पर पहुंचने में कामयाब रही है।
भारतीय टीम में यह बदलाव सिर्फ एक दो सालों में देखने को नहीं मिला है बल्कि पीछले 10 सालों में भारत वनडे क्रिकेट में अपनी धाक जमाए हुए है। पिछले एक दशक में भारत ने ना सिर्फ बड़े टूर्नामेंट में खिताबी जीत हासिल की है बल्कि देश के साथ विदेशी धरती पर भी टीम ने अपनी बादशाहत कायम करने में कामयाब हुई है।
इस दौरान भारतीय टीम ने दो खिताबी जीत के साथ दुनिया की किसी भी टीम से फॉर्मेट में सबसे अधिक मैच जीतने का कारनामा किया है। आइए जानते हैं पिछले एक दशक में वनडे फॉर्मेट में भारतीय टीम की कुछ बड़ी उपलब्धियां।
पिछले 10 सालों में सबसे अधिक वनडे मैच जीतने वाली टीम है भारत
भारतीय क्रिकेट टीम पिछले कुछ समय से तीनों फॉर्मेट में कमाल का प्रदर्शन कर रही है। भारत आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहले स्थान पर मौजूद है जबकि वनडे में वह सिर्फ विश्व चैंपियन इंग्लैंड से पीछे रैंकिंग में दूसरे पायदान पर मौजूद है लेकिन इसके बावजूद इस फॉर्मेट मे भारतीय टीम के आंकड़े बुलंद है। इसके साथ ही भारतीय टीम ने पिछले 10 सालों में दुनिया की बाकी टीमों से कहीं आगे निकल चुकी है।
भारतीय क्रिकेट टीम के वनडे में पिछले 10 साल के प्रदर्शन पर नजर डाले तो वह इस फॉर्मेट में सबसे अधिक मैच जीतने वाली टीम है। साल 2010 से अबतक टीम इंडिया ने कुल 250 वनडे मैचों में मैदान पर उतरी है जिसमें उसे 157 मैचों में जीत हासिल हुई जबकि 79 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। वहीं इस दौरान भारतीय टीम का जीतने का प्रतिशत 64.8 रहा है।
इस मामले में साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम का रिकॉर्ड भी बाकी की अन्य टीमों से बेहतर है। साउथ अफ्रीका ने साल 2010 से अबतक कुल 188 बार वनडे मैच खेलने मैदान में उतरी है जिसमें उसने कुल 114 मुकाबलों में जीत दर्ज की है।
वहीं ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम इस मामले में तीसरे स्थान पर कायम है। ऑस्ट्रेलिया की टीम पिछले 10 सालों में 216 वनडे मैच खेली है जिसमें वह 125 मैचों को जीतने में कामयाब हो पाई। इसके अलावा इंग्लैंड की टीम 218 वनडे मैचों में से 124 में जीत दर्ज कर चौथे नंबर पर है जबकि न्यूजीलैंड की टीम ने पिछले 10 सालों में कुल 192 वनडे मैच खेली है जिसमें से उसे 98 मैचों में जीत नसीब हुई।
टॉप 10 में नीचे की पांच टीमों में पाकिस्तान ने 217 में से 104 जीत, अफगानिस्तान ने 123 में 57 जीत, श्रीलंका 256 में से 113 जीत, बांग्लादेश 162 में 70 जीत और वेस्टइंडीज की टीम ने 193 मैच में से 68 में जीत दर्ज की है।
एक दशक में भारतीय टीम की खिताबी जीत
वनडे फॉर्मेट में पिछले 10 सालों में भारतीय टीम आईसीसी के द्वारा आयोजित सभी बड़े टूर्नामेंटों में शीर्ष पर पहुंचने में कामयाब रही है। इस दौरान भारत ने दो बार खिताबी जीत हासिल की जिसमें साल 2011 विश्व कप में मिली ऐतिहासिक जीत के साथ 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतना शामिल है।
हालांकि इस बेहतरीन जीत के अलावा टीम को कई बार मायूसी भी हाथ लगी। साल 2011 में विश्व कप खिताब अपने नाम करने के बाद टीम इंडिया के पास मौका था कि वह लगातार दूसरी बार इस फॉर्मेट में विश्व विजेता बने लेकिन पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद 2015 विश्व कप में भारत को सेमीफाइनल में करारी हार का सामना करना पड़ा। सेमीफाइनल मुकाबले में भारत को ऑस्ट्रेलिया ने हराया था।
हालांकि इस हार के दो साल बाद ही 2017 में धोनी ने टीम की कप्तानी छोड़ दी। धोनी की जगह विराट कोहली को नया कप्तान नियुक्त किया गया और टीम पहली बार इनके नेतृत्व में इंग्लैंड में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी में मैदान पर उतरी।
विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह बनाई और खिताबी भिड़ंत के लिए भारतीय टीम का सामना पाकिस्तान हुआ, लेकिन टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा।
इसके दो साल बाद ही टीम को विश्व कप खेलना था। इस हार को भुलाकर टीम इंडिया ने एक बार फिर से नई शुरुआत की और टीम 2019 विश्व कप के लिए इंग्लैंड पहुंची। टूर्नामेंट के शुरआत से ही भारतीय टीम को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था और टीम ने इसे साबित भी किया। विश्व कप 2019 में भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत करते हुए सेमीरफाइनल का सफर तय किया लेकिन यहां एक बार फिर से उसे हार मिली और यह दूसरा मौका था जब कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया आईसीसी के किसी बड़े खिताब को जीतने से चूक गई।