पहले हिंसा और दहशत थी, अब शांति और सुकून

पहले हिंसा और दहशत थी, अब शांति और सुकून


मुजफ्फरनगर। ठीक एक सप्ताह पूर्व जहां दहशत और नफरत के शोले भड़क रहे थे, वहां चारों ओर केवल शांति और सुकून था। जिस मदरसा महमूदिया से जुमे की नमाज पढ़कर निकली भीड़ सड़कों पर उतरकर हिंसा का तांडव कर रही थी, वहां इस शुक्रवार शांतिप्रिय लोगों की अगुवाई में नमाज की आयतें पढ़ीं और महसूस की जा रहीं थीं। एक सप्ताह पूर्व नकाब की आड़ में छिपे चेहरे दहशत को बढ़ावा दे रहे थे तो इस शुक्रवार मदरसा महमूदिया में वजू करते युवाओं की तस्वीरें आंखों को सुकून दे रही थी। इसके बावजूद कुछ था, जो एक सप्ताह पूर्व की कड़वी यादें दिला रहा था, वह था सड़क पर जले वाहनों से एक स्थान की काली हो चुकी मिट्टी, सड़क किनारे आम का जला हुआ पेड़ और हाजीपुरा रोड की तरफ का बंद पड़ा पूरा मार्केट।


दिन शुक्रवार, समय अपराह्न ठीक एक बजे: शहर से सटे गांव सरवट में मुख्य रोड पर सब कुछ सामान्य था। कब्रिस्तान के सामने टी-प्वाइंट पर कुछ पुलिसकर्मी अलाव के चारों ओर बैठे हाथ ताप रहे थे तो दूसरी तरफ सड़क पर सामान्य दिनों की भांति आवागमन था। कुछ दुकानें खुलीं थीं तो कुछ के शटर बंद भी थे।
मदीना चौक, जहां एक सप्ताह पूर्व केवल उग्र भीड़, उत्तेजित करती नारेबाजी, पथराव-तोड़फोड़ व फायरिंग के साथ आग के शोले निकल रहे थे, वहां पूर्ण शांति थी। मदीना चौक पर कोई पुलिस फोर्स भी नहीं थी और आवाजाही सामान्य थी। मदीना चौक से चंद कदमों की दूरी पर वह स्थान था, जहां अफसरों की गाड़ियां फूंकी गई थी, वहां जले वाहन हटाने के साथ ही राख भी साफ कर दी गई थी, लेकिन सड़क किनारे जला आम का पेड़ गवाही दे रहा था कि दहशत के निशान अब भी बाकी हैं। मदीना चौक से हाजीपुरा जाने वाली सड़क सुनसान पड़ी थी, जहां सभी दुकानें बंद थीं। सड़क किनारे एक गोदाम के बाहर ग्रामीण बैठकर अखबार पढ़ने में तल्लीन था।
अपराह्न 1.05 बजे: मदीना चौक से सरवट की ओर आते हुए मदरसा महमूदिया में नमाज के लिए लोग पहुंचने लगे। मदरसे के सदर मौलाना कलीमुल्ला ने तकरीर करते हुए लोगों से देश में अमन-शांति की अपील के साथ दुआ भी कराई।
अपराह्न 1.20 बजे: मदरसे में पहुंचे युवा वजू कर नमाज पढ़ने के लिए बैठने लगे। मदरसे के शिक्षक मोहम्मद इमरान ने तमाम व्यवस्थाएं संभाली।
अपराह्न 1.25 बजे: कारी इंतजार ने सभी लोगों को जुमे की नमाज अदा कराई। नमाज के बाद शहर के साथ ही देश में अमन-चैन की दुआएं कराईं गईं। लोगों ने कुरआन की आयतें पढ़ीं।
अपराह्न 1.35 बजे: मदरसे के कारी नईम अहमद, मौलाना जान मोहम्मद और मोहम्मद इमरान मदरसे के बाहर निकलकर मुख्य सड़क पर आकर अलग-अलग स्थान पर खड़े हो गए। मदरसा महमूदिया के गली वाले गेट को ताला लगाकर बंद कर दिया गया और सभी लोगों को मुख्य सड़क वाले कच्चे रास्ते से निकाला जाने लगा।
अपराह्न 1.40 बजे: मदरसे से नमाज पढ़ने के बाद निकल रहे सभी लोगों को पहले से व्यवस्थाएं संभाले खड़े कारी नईम अहमद, मोहम्मद इमरान और मौलाना जान मोहम्मद ने सीधे अपने घर जाकर रुकने की हिदायतें दीं। किसी को भी सड़क पर या किसी दुकान के बाहर नहीं खड़े होने दिया गया।
अपराह्न 1.50 बजे: जुमे की नमाज संपन्न होने के बाद सब ओर स्थिति पूरी तरह से सामान्य रही। मुख्य मार्ग की अधिकांश दुकानें खुल गईं और सड़क पर आवाजाही में भी इजाफा हुआ।
अपराह्न दो बजे: डीएम सेल्वा कुमारी जे और एसएसपी अभिषेक यादव सरवट व मदीना चौक पहुंचे और सब कुछ सामान्य मिलने पर राहत की सांस ली। मदरसा महमूदिया के प्रबंधन से बात की और शहर लौट गए